Bijli kaise banaya jata hai?
बहुत से लोगो को पता नहीं है बिजली कैसे बनाया जाता है कैसे तैयार होता है। सुनने में आता है बिजली पानी से बनता है। आज मई बिजली का उत्पादन कैसे होता है। इनके बारे में बताऊंगा जो आपके जीवन में बहुत ही उपयोग साबित होगा। बिजली का उत्पादन 9 तरीकों से किया जाता है। इनके बारे में विस्तार से इस आर्टिकल में बताऊंगा।
बिजली उत्पादन 9 तरीकों से किया जाता है। बिजली बनाने के अलग अलग तरीके है जो इसप्रकार है।
१. पानी के दुवारा बिजली का उत्पादन ( Hydro Electric Power प्लांट)
२. कोयले के द्वारा बिजली उत्पादन (Tharmal electric power plant )
३. पवन चाकी के द्वारा बिजली उत्पादन।
४. डीजल के द्वारा बिजली उत्पादन।
५. सौर ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पादन।
६. भूतापीय ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पादन।
७. नवकीलिएर ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पादन।
८. नेचुरल गैस पावर प्लांट के द्वारा बिजली उत्पादन।
९. बायोमास गैस पावर प्लांट के द्वारा बिजली उत्पादन।
बिजली के उत्पादन के बारे में विस्तार से जानेगे जो इसप्रकार है।
१। पानी के द्वारा बिजली उत्पादन - पानी से उत्पादन करने के लिए नदियों में बाँध बनाया जाता है ओर उसमे पानी जमा किया जाता है। और पानी को बहुत ऊपर से टरबाइन में गिराया जाता है। जिसे पानी की तेज परवाह से टरबाइन घूमने लगता है। जिसे बिजली बनती है और उसे एक जगह से दूसरे जगह पहुँच्या जाता है। इसी तरह २४*७ टाइम घूमते रहता है।
२. कोयले के द्वारा बिजली उत्पादन -जिन स्थानों में बांध नहीं बनाया जा सकता वहां पर डीजल को उपयोग किया जाता है। जिसे डीजल के द्वारा पानी को गर्म किया जाता है और टरबाइन में पानी का भाप को उसमे डाला जाता है। जिसकी वजह से टरबाइन घूमने लगता है। जिसे बिजली बनती है। पानी का तापमान 500 से 1000 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य होता है।
टरबाइन से गुजरने के बाद पानी को ढांड करके पाना लिया जाता है फिर उसी पानी को दुबारा टरबाइन में भाप बना कर फिर से उसमें जाता है।
३. पवन चक्की द्वारा बिजली उत्पादन -दुनिया में कुछ इसे भी खुश जगह है जहाँ सालो भर हवा चलती रहती है वहां पवन चक्की का उपयोग किया जाता है पानी की कमी ज्यादा कमी होती है। बड़े -बड़े खम्भों में पवन चकी को लगाया जाता है। जिसे पवन चक्की भी कहा जाता है। हवा चलने से टरबाइन घूमती है जिसे बिजली उत्पादन होती है।
४.डीजल के द्वारा बिजली उत्पादन -घर हो या फ्लाइट में शादी पार्टी में जनरेटर को डीजल के दवरा चलाया जाता है। डीजल के द्वारा इंजन को स्टार्ट किया जाता है और चुम्बकीय के मध्य स्तित को टरबाइन को घुमाने का काम करता है। और इसे बिजली बनती है।
५. सौर ऊर्जा के द्वारा -सूर्य से निकलने वाली किरण जब सोलर पैनल में पड़ता है। जिसे बिजली उत्पन होती है। उसे बाटरी लगा कर पावर को स्टोर किया है ,इसमें घरेलू लोड लगा सकते हैं।
६.भूतापीय ऊर्जा -भूतापीय ऊर्जा से उत्पन एक ेयी नयी तकनीक है भूतापीय ऊर्जापावर प्लांट जिओ पावर पावर का थर्मल प्लांट का मतलब होता है भूमि के अंदर ज्वालामुखी से उत्पन ऊर्जा से बिजली बनाना। जिसे स्थान पर ज्वालामुखी निकलता है वहां गद्दा खोदा जाता है। उससे निकलने वाली ऊर्जा बिजली बनाने में उपयोग किया जाता है।
७. नूक्लीयर ऊर्जा -इसप्रकर के बिजली बनाने में uरेनियम २३५ का उपयोग किया जाता है। १ किलो ुरेनियम से उत्पन ऊष्मा की मात्रा २७०० किवंटल कोयले से उत्पन ऊष्मा के बराबर होती है। ुरेनियम के द्वारा प्राप्त ऊर्जा से पानी ग्राम करके बिजली बनाये जाते है।
८. नेचुरल गैस के द्वारा -जिस प्रकार कोयले को जलाकर पानी को भाप में बदला जाता है। उसी प्रकार नेचुरल गैस पावर प्लांट के द्वारा पानी को भाप में बदला जाता है और फिर उससे टरबाइन को घुमाया जाता है और बिजली बनायीं जाती है। नेचरल गैस जमीं न से निकली गैस है। अभी इतने विकसित नहीं है।
९. बायोमास गैस पावर प्लांट -बायोगैस के द्वारा पानी को गर्म किया जाता है बायोगैस पेड़ पौधे की पतियों से ,जानवरों के ावसिस्ट पदार्थों से बनती है।
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